Saturday 15 June 2019

मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों की बैठक को सम्बोधित किया

 


- प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के उन्नयन के लिए आमूलचूल परिवर्तन हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री


हिन्दुस्तान की नज़र/मो० फैज़ान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा किसी भी समाज के उत्थान का सबसे बड़ा आधार होती है। राज्य की शिक्षा व्यवस्था को समाज और राष्ट्र निर्माण में सक्षम होना चाहिए। उत्तर प्रदेश जनसंख्या के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है। शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश की अपनी विशिष्ट छवि रही है। यह राज्य शिक्षा का केन्द्र माना जाता था। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के उन्नयन के लिए आमूलचूल परिवर्तन हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। शिक्षा और आध्यात्मिक तथा सांस्कृृतिक क्षेत्र में प्रदेश की पहचान को पुनस्र्थापित करने के लिए जनपद स्तरीय शिक्षा अधिकारियों के साथ संवाद हेतु यह सम्मेलन आहूत किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारियों को इस प्रकार कार्य करना चाहिए कि शिक्षा पद्धति में हो रहा बदलाव जनता को महसूस भी हो।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन आॅडिटोरियम में बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा विभाग की एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में प्रदेश के समस्त बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी एवं उच्च स्तर के अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।



मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अधिवेशन के पश्चात बेसिक शिक्षा मंत्री तथा अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा की बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ अलग से बैठक होगी। इसी प्रकार उप मुख्यमंत्री तथा अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा की जिला विद्यालय निरीक्षकों के साथ बैठक सम्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि कार्याें के प्रभावी एवं सुचारु सम्पादन के लिए संवाद आवश्यक है। आज जिस प्रकार शासन के अधिकारियों द्वारा जनपद स्तरीय शिक्षा अधिकारियों से संवाद स्थापित किया जा रहा है, ऐसा ही संवाद जनपद स्तर पर भी अधिकारियों द्वारा स्थापित किये जाने की जरूरत है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों की भांति महाविद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों तथा प्राथमिक विद्यालयों में भी शैक्षिक कलेण्डर लागू किये जाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने महापुरुषों की जन्म जयंती तथा पुण्यतिथि पर होने वाले अवकाशों को समाप्त किया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक तथा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्याें के साथ बैठक कर विद्यालय खुलने की तिथि निश्चित कर लें। आगामी 25 जून से सभी स्कूल खुल जाने चाहिए। भले ही विद्यार्थी स्कूल में 1 जुलाई से आयें। इस अवधि में स्कूल में साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए। विद्यार्थियों के स्कूल आने से पहले विद्यालय गन्दगी से मुक्त होना चाहिए। बालक, बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय तथा पेयजल की समुचित व्यवस्था कर ली जानी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए इन कार्याें का निरीक्षण जनपद स्तरीय शिक्षा अधिकारियों द्वारा स्वयं तथा अपने अधीनस्थों द्वारा भी कराया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं में पुरातन छात्र परिषद का गठन किया जाना चाहिए। वर्ष में एक बार पुरातन छात्र परिषद का सम्मेलन भी किया जाए। सभी छात्रों का अपने विद्यालयों से भावनात्मक लगाव होता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विद्यालयों में परमिट के बिना कोई भी वाहन संचालित नहीं होना चाहिए। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में सभी जनपदों के जिला अधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिख समुचित निर्देश दिये जाएं। विद्यालयों के वाहन चलाने वाले चालकों और परिचालकों का पुलिस वेरीफिकेशन अनिवार्य रूप से होना चाहिए।


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने विगत दो वर्षाें में शिक्षा में सुधार की दिशा में उठाये गये कदमों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। शिक्षा व्यवस्था में रोजगारपरक शिक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के समर्पित प्रयास से शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हुआ है।


मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्र का निर्माण मानव निर्माण से होता है। मानव निर्माण के लिए शिक्षा आवश्यक है। कार्यक्रम के अन्त में, बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। 


मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान सत्र 2019-20 के लिए राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य/प्रवक्ता की आॅनलाइन स्थानान्तरण व्यवस्था का शुभारम्भ भी किया। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी सोनभद्र ने जनपद सोनभद्र में संचालित 'सोन कायाकल्प योजना', बेसिक शिक्षा अधिकारी मऊ ने जनपद मऊ में संचालित 'मिशन पहचान', जिला विद्यालय निरीक्षक अलीगढ़ ने 'नकलविहीन परीक्षा के आयोजन', जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ ने 'गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और माॅडल विद्यालय की स्थापना' तथा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी बरेली-मुरादाबाद परिक्षेत्र ने 'एम0जे0पी0 रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय में परीक्षा में सुधार' विषय पर प्रस्तुतिकरण दिये।


इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।



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