Saturday 9 November 2019

मुख्यमंत्री ने अयोध्या प्रकरण पर प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए


मो० फैज़ान / हिन्दुस्तान की नज़र (न्यूज़पेपर)

 


लखनऊ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी पर्वों तथा अयोध्या प्रकरण में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सम्भावित फैसले के दृष्टिगत चुस्त-दुरुस्त कानून व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं।



  • उन्होंने कहा कि प्रदेश में कायम अमन-चैन और शान्ति के वातावरण को हर हाल में बनाए रखने के लिए अधिकारी पूरी तरह सजग और तत्पर रहें। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। शरारती तत्वों तथा माहौल खराब करने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखी जाए।

  • मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मण्डलों एवं जनपदों के वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने अयोध्या सहित प्रदेश के अन्य जनपदों की कानून व्यवस्था के सम्बन्ध में समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर एक कण्ट्रोल रूम तथा प्रत्येक जनपद में 01 कण्ट्रोल रूम स्थापित करते हुए तुरन्त संचालित कर दिया जाए। ये कण्ट्रोल रूम 24 घण्टे लगातार कार्य करेंगे।

  • उन्होंने अयोध्या तथा लखनऊ जनपदों के लिए 01-01 हेलीकाॅप्टर की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीस कमेटी की बैठकों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों, धार्मिक गुरुओं, प्रबुद्धजनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि के साथ संवाद स्थापित किया जाए। बारावफात के जुलूसों के संचालन की शान्तिपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वों व त्योहारों की आड़ में अव्यवस्था और अराजकता को किसी भी प्रकार की छूट न मिले, समय रहते कार्रवाई हो। छोटी से छोटी घटना पर ध्यान दिया जाए। सभी वरिष्ठ अधिकारी अपने मण्डलों व जनपदों में रात्रि विश्राम निरन्तर करते रहें। फ्लैग मार्च व फुट पेट्रोलिंग की जाए। ट्रैफिक प्लान पहले से तैयार कर लिया जाए।

  • डायल-112 के संचालन में कोई कोताही न हो। रूट चार्ट प्लान बना लिया जाए। व्यापारिक और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। अभिसूचना से जानकारी प्राप्त होने पर तुरन्त कार्रवाई हो।

  • संवेदनशील जनपदों व स्थानों पर पूरी सजगता व सतर्कता बरती जाए। अफवाहों को फैलने से तुरन्त रोका जाए। सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की अफवाहों को स्थान न मिले। उत्तेजना, सनसनी और भड़काऊ बयानों और भाषणों पर कड़ी कार्रवाई हो। अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही हर हाल में सुनिश्चित हो। उन्होंने निर्देश दिए कि फुटपाथों, सड़कों, प्लेटफार्म, चैराहों आदि पर सोने वालों की व्यवस्था रैन बसेरों में की जाए। इन रैन बसेरों की भी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी दिनों में कार्तिक पूर्णिमा, बारावफात तथा 550वें प्रकाश पर्व का आयोजन किया जाएगा। इन सबके सम्बन्ध में पहले से तैयारी सुनिश्चित कर ली जाए। वर्तमान में पंचकोसी परिक्रमा हो रही है तथा दिनांक 11 व 12 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा का आयोजन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन आएंगे। इन सबकी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

  • उन्होंने राम की पैड़ी सहित पूरे अयोध्या जनपद में साफ-सफाई, विद्युत आपूर्ति और प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक और थर्माकोल के प्रयोग पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या आने-जाने वाले मार्गों पर भीड़ की स्थिति में बैरिकेडिंग आदि की व्यवस्था कर दी जाए।

  • मुख्यमंत्री ने इण्डो-नेपाल बाॅर्डर के सम्बन्ध में समीक्षा करते हुए कहा कि असामाजिक तत्वों की घुसपैठ को रोकते हुए शान्ति व्यवस्था कायम रखी जाए। ई-मीडिया तथा वेब मीडिया पर भी नजर रखी जाए। निराश्रित गोवंश के सम्बन्ध में भी सजगता रखते हुए कार्रवाई की जाए। अधिवक्ताओं, छात्र संगठनों, स्वयंसेवी संगठनों तथा अन्य संगठनों से पृथक-पृथक संवाद स्थापित किया जाए। परिवहन तथा रेलवे से समन्वय स्थापित करते हुए कार्यवाही की जाए।

  • मुख्यमंत्री जी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रयागराज, बरेली, बिजनौर, सम्भल, पीलीभीत, मेरठ, कानपुर, झांसी, लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर आदि मण्डलों व जनपदों के वरिष्ठ अधिकारियों से कानून व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा करते हुए जानकारी प्राप्त की।

  • इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी तथा पुलिस महानिदेशक ओ0पी0 सिंह ने भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कानून व्यवस्था के सम्बन्ध जानकारी प्राप्त करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

  • वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, ए0डी0जी0 लाॅ एण्ड आर्डर पी0वी0 रामाशास्त्री, सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


 


 



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उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने सोशल मीडिया पर सामाजिक सदभाव को भंग करने वाले लोगों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये- प्रवीण कुमार

मो० फैज़ान/ हिन्दुस्तान की नज़र (न्यूज़पेपर)


 


लखनऊ 8 नवंबर। एक प्रेसवार्ता में उप महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया क़ि ओ0पी0 सिंह पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 के निर्देशन में दिनांक 08.11.2019 को यूपी 112 मुख्यालय में अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था, पुलिस महानिरीक्षक, कानून-व्यवस्था, उ0प्र0 द्वारा प्रदेश के जोनल/ परिक्षेत्रीय एवं जनपदीय सोशल मीडिया सेल में नियुक्त प्रभारी राजपत्रित अधिकारी एवं प्रभारी मीडिया सेल/ जनपदीय मीडिया प्रभारी तथा साइबर सेल प्रभारी को वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से वर्तमान परिवेश में भावी चुनौतियों के दृष्टिगत सोशल मीडिया के माध्यम से आपत्तिजनक/ भ्रामक पोस्ट/ मैसेज/ वीडियो आदि के माध्यम से साम्प्रदायिक सदभाव को भंग करने की चेष्टा करने वालों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही एवं आमजन को प्रदेश की सामाजिक समरसता एवं आपसी सौहार्द बनाये रखने हेतु सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मो पर जागरूक रहने के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये :---


 



  • 1) सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर उनकेे सोशल मीडिया एकाउन्ट को ब्लाॅक कराने की कार्यवाही करते हुए ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध तत्काल वैधानिक कार्यवाही की जाय।

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  • 2) सोशल मीडिया पर किये गये आपत्तिजनक पोस्ट को सुरक्षित रखने की प्रक्रिया की जानकारी दी गयी ताकि पोस्ट डिलीट होने पर भी साक्ष्य उपलब्ध रहे।

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    3) विगत 05 वर्षो में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक/भ्रामक पोस्ट करने वाले व्यक्तियों के सम्बन्ध में सूचनायें एकत्रित करने के साथ-साथ ऐसे व्यक्तियों को जो आपत्तिजनक पोस्ट कर समाज में वैमनस्यता फैलाने का प्रयास करते है को चिन्हित कर थानावार रजिस्टर बनाकर उनका इन्द्राज किया जाय तथा सतर्क दृष्टि रखी जाय।


  • 4) उक्त चिन्हित व्यक्तियों के सम्बन्ध में डिजिटल वालंटियर ग्रुप के माध्यम से जानकारी साझा की जाय, जिससे इस प्रकार के व्यक्तियों द्वारा की जाने वाली भ्रामक पोस्ट/सूचना का डिजिटल वालंटियर ग्रुप के सदस्यों द्वारा भी सतर्क दृष्टि रखी जाय।


  • 5) व्हाट्सएप ग्रुपों पर किये जाने वाले आपत्तिजनक पोस्ट के सम्बन्ध में सम्बन्धित पोस्ट करने वाले व्यक्तियों के साथ-साथ ग्रुप एडमिन के विरूद्ध भी विधिक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये।


  • 6) जनपदों को निर्देशित किया गया कि वे अपने स्तर से इस बात का प्रचार-प्रसार करें कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी, भाषण, तस्वीर, धार्मिक उन्माद, सामाजिक विद्वेष, जातिगत घृणा आदि से सम्बन्घित वीडियो/मैसेज आदि पोस्ट न करें, न ही इसे लाइक व फारवर्ड करे।


  • 7) सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म यथाः  फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप आदि के माध्यम से भड़काऊ/आपत्तिजनक पोस्टों के विषय में पुलिस विभाग को सूचित करने हेतु जनसामान्य के लिए मुख्यालय स्तर से व्हाट्सएप नंम्बर  8874327341 उपलब्ध कराया जा रहा है। जनता का कोई भी इस नम्बर पर टेक्स्ट मैसेज/वाइसक्लीप, स्क्रीन शाॅट आदि के माध्यम से वहाट्सएप कर सकता है जिसकी पहचान गोपनीय रखी जायेगी।


 


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