वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने बिश्केक में फिर भारत से बातचीत करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए भारत और पाक के बीच में बातचीत जरुरी है। इमरान ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भी अपनी पीठ थपथपाई।
निचले स्तर पर भारत-पाक के रिश्ते, मोदी से है उम्मीद: इमरान खान
इमरान खान ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक के साथ एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) को बातचीत के माध्यम से शांति और अपने मतभेदों को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर दोनों देश चाहे तो कश्मीर जैसे मुद्दों का भी हल बातचीत के जरिए किया जा सकता है।
इमरान खान ने माना कि दुर्भाग्य से उन्हें अब तक भारत से ज्यादा सफलता नहीं मिली है। लेकिन उम्मीद है कि वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी के पास एक बड़ा जनादेश है, हम आशा करते हैं कि वह इस जनादेश का उपयोग बेहतर संबंध विकसित करने और उपमहाद्वीप में शांति लाने के लिए करेंगे।
दरअसल, इस साल फरवरी में कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए।
हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद इमरान खान और मोदी ने एक दूसरे को ट्वीट किया। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने पीएम मोदी की जीत के बाद बधाई संदेश भी भेजा। खान ने कहा कि पाकिस्तान ने अप्रैल-मई में भारत के चुनावों से पहले ही रिश्तों को सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन चुनावी अभियान के दौरान इसे प्रमुखता से नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा कि चुनाव खत्म हो जाने के बाद पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि भारतीय नेतृत्व इस अवसर का लाभ उठाएगा जो पाकिस्तान पेश कर रहा है कि बातचीत के माध्यम से हमारे सभी मतभेदों को हल करें।
खान ने कहा कि दोनों परमाणु हथियार संपन्न देश सैन्य साधनों के माध्यम से मतभेदों को हल करने के बारे में नहीं सोच सकते। यह पागलपन है। इसलिए हमें उम्मीद है कि अब हम अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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