- हिन्दुस्तान की नज़र/मो० फैज़ान
- वाराणसी। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर तुलसी घाट पर मंगलवार को संकट मोचन फाउंडेशन और ग्रीन संस्था एवं मदर्स फॉर मदर के संयुक्त तत्वाधान में प्रोफ़ेसर वीरभद्र मिश्र अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार एवं अलंकरण सम्मान समारोह का आयोजन हुआ।
- ऑस्ट्रेलिया की सू लेनकसल भी सम्मानित की गई
- समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्वांचल विकास निगम के अध्यक्ष डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु, विशिष्ट अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम शुक्ल,समारोह की अध्यक्षता कर रहे गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बी एम शुक्ला, पद्मश्री पंडित राजेश्वर आचार्य एवं पद्म भूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र ने संयुक्त रूप से स्वर्गीय महंत प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र के चित्र पर माल्यार्पण करके किया । इसके पश्चात अतिथियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के तहत ऑस्ट्रेलिया की सू लेनकस और आईआईटी रुड़की के पूर्व प्रोफेसर इंद्रमणि मिश्र को अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया वहीं दो अन्य पुरस्कारों में पर्यावरण के प्रति समर्पित पत्रकार विनय सिंह एवं वायु प्रदूषण के लिए कार्य कर रही एकता शेखर को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। आए हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर विशंभर नाथ मिश्र ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर हम मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए एक बार फिर इकट्ठा हुए हैं और मां गंगा जब तक अविरल और निर्मल होकर नहीं महंगी वह प्रदूषण मुक्त नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि आज हमारी मांग मां गंगा प्रदूषण की वेदना से करा रही है हमें उनके लिए अब कुछ करना होगा नहीं तो आने वाला समय हमें कभी माफ नहीं करेगा । वही संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि मां गंगा के लिए हम सभी को आगे आना होगा आगे होगा तभी मां गंगा प्रदूषण मुक्त होंगे वही पद्मश्री राजेश्वर आचार्य एवं पद्म भूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र ने भी गंगा में बढ़ते प्रदूषण के प्रति अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अब हमें देश नहीं करनी चाहिए और मां गंगा को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए। वही समारोह की अध्यक्षता करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर बीएम शुक्ला ने कहा कि मां गंगा को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए सबसे पहले हमें अपने मस्तिष्क को प्रदूषण मुक्त करना होगा क्योंकि एक तरफ तो हम गंगा को मां कहते हैं और दूसरी तरफ उसे प्रदूषित करते हैं। यह हमारा मानसिक प्रदूषणहै जब तक यह दूर नहीं होगा तबतक मां गंगा भी प्रदूषण मुक्त नहीं होंगी। इस अवसर पर मदर्स फॉर मदर की संस्थापिका श्रीमती आभा मिश्रा, प्रोफेसर एचएस शुक्ला आदि ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ विजय नाथ मिश्र ने किया तथा धन्यवाद श्रीमती आभा मिश्रा ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर पीवी सिंह, डॉ अनूप मिश्रा, सतीश मिश्रा, चल्ला सुब्बा शास्त्री, रामयश मिश्र सहित काफी संख्या में गंगा सेवी भी उपस्थित थे।
Wednesday 5 June 2019
विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर तुलसी घाट पर सम्मान समारोह में प्रोफेसर इंद्रमणि हुए सम्मानित
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