Tuesday 25 June 2019

रायबरेली के रेल कोच फैक्ट्री के निगमीकरण के फरमान से कर्मचारियों में भय एवं आक्रोश का माहौल


पत्र भेजकर रेल कोच फैक्ट्री के निगमीकरण को रोकवाये जाने की मांग।

कर्मचारियों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर किया कार्य।

 

हिन्दुस्तान की नज़र/मो० फैज़ान

रायबरेली।एमसीएफ के निगमीकरण के विरोध में फैक्ट्री की सभी यूनियनो के साथ कांग्रेसियों व क्षेत्रीय जनता में आक्रोश बढता जा रहा है।


काग्रेस के वरिष्ठ नेता व सदस्य जिला काग्रेस कमेटी राजकिशोर सिंह बघेल ने जिले की सांसद सोनियां गांधी को पत्र भेजकर फैक्ट्री के अस्तित्व को बचाने में मदद की गुहार लगाई है। श्री बघेल ने बताया कि फैक्ट्री में जहां 2012 के वित्तीय वर्ष में 18 डिब्बे बनाकर शुरूआत की गई वही 2018 में रिकार्ड 1425 डिब्बे बनाये गये। जबकि 2019-20 में फैक्ट्री को 2133 डिब्बे बनाने का लक्ष्य मिला है जिसके लिये कर्मचारी दिन रात मेहनत कर रहे है। फैक्ट्री में वर्तमान समय में जहां 2303 कर्मचारी नियमित और लगभग 4000 कर्मचारी संविदा पर कार्य कर रहे है। निगमीकरण के बाद इनके भविष्य पर संकट के बादल छा जायेगें। फैक्ट्री की स्थापना के समय इसमें कुल 1000 डिब्बो के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था जिसका वर्तमान समय में दुगना उत्पादन देने के बाद भी रेल मंत्रालय का यह निर्णय मनमाना है।
विश्व में सबसे अधिक उत्पादन देने वाली इस फैक्ट्री के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे है। रेलवे बोर्ड के फरमान से कर्मचारियों में भय व आक्रोश का माहौल बन रहा है। शांतिपूर्ण विरोध का तरीका अपनाते हुए कर्मचारियों ने हाथो में काली पट्टी बांधकर कार्य किया। कर्मचारियों के अनुसार वर्किग समय में उनके परिजन विरोध प्रदर्शन करेगें जबकि सुबह सायं सभी कर्मचारी उनका साथ देगें। मामले में सांसद सोनियां गांधी व क्षेत्रीय विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह को पत्र भेजकर फैक्ट्री के निगमीकरण को रोकवाये जाने की मांग की है।



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