Friday 14 June 2019

प्रदेशवासियों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता, प्रदेश की 23 करोड़ जनसंख्या को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी :मुख्यमंत्री

 


हिन्दुस्तान की नज़र/मो० फैज़ान


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेशवासियों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। उन्होंने बिना भेदभाव गांव-गरीब और समाज के अन्तिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश की 23 करोड़ जनसंख्या को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को प्रतिबद्ध होकर कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन के आँँडिटोरियम में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं उनसे उच्चस्तर के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार द्वारा की गयी पहल को लागू करने का उत्तरदायित्व चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का है। अच्छा स्वास्थ्य एवं सबके लिए स्वास्थ्य की अवधारणा को साकार करने में विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। एक नई उमंग और नए उत्साह के साथ इस अवधारणा को हम सफलतापूर्वक साकार कर सकें, इस उद्देश्य के साथ आप सभी अधिकारियों को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि इस आयोजन में लिए गए निर्णयों को पूरी निष्ठा के साथ क्रियान्वित करें। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक स्तर के चिकित्सालय में डाॅक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को टीम भावना के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाए। मरीजों के लिए दवाओं की उपलब्धता का भी नियमित तौर पर सत्यापन किया जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उनसे उच्चस्तर के अधिकारियों को चिकित्सालयों व स्वास्थ्य केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय का राउण्ड लें तथा उपचार की व्यवस्था को परखें। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रत्येक दिन अपने जनपद के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की रैण्डम चेकिंग करें और इनकी स्थिति को मौके पर परखते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। '108' एवं '102' एम्बुलेंस सेवा की नियमित माॅनीटरिंग की जाए तथा इनके रूट चार्ट एवं अन्य कार्याें की समीक्षा की जाए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दो वर्षाें में प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों के फलस्वरूप चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव आया है। समस्त जनपदों को 250 एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस उपलब्ध करायी गयी है। इनसे बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाने में सफलता प्राप्त हुई है। 'नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट सेवा' के माध्यम से ग्रामीण इलाकों की जनता को उनके निवास स्थान पर ही इलाज की निःशुल्क सुविधा मिल रही है। टेलीमेडिसिन के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्र के लोगों को उच्चस्तरीय चिकित्सा परामर्श उपलब्ध हो रहा है। '108' एम्बुलेंस सेवा की संख्या में वृद्धि कर इसके रिस्पाॅन्स टाइम को कम किया गया है। उन्होंने ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा आयुष्मान भारत योजना प्रारम्भ की गयी है। इस योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के माध्यम से प्रदेश के 6.5 करोड़ गरीब लोगों को 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा देने की व्यवस्था है। इन्हें मिशन मोड पर संचालित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के लाभार्थियों के कार्ड वितरण का कार्य अभियान चलाकर पूरा किया जाए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस कार्य को रुचि लेकर सम्पादित करते हुए कार्ड वितरण कार्यक्रमों में सांसद एवं विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करें। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से आच्छादित सभी चिकित्सालयों में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए एक अलग काउण्टर स्थापित किया जाए। इस योजना के तहत अस्पताल आने वाले मरीजों की सहायता के लिए कार्यरत आयुष्मान मित्रों के कार्य की नियमित समीक्षा की जाए।



मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2025 तक भारत को क्षय रोग से मुक्त करने का संकल्प लिया है। इसे लागू करने के लिए जागरूकता अभियान में तेजी लायी जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि सम्बन्धित जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय टास्क फोर्स तथा जनपद स्तरीय फोरम की बैठकें आहूत कराते हुए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि आगामी 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस है। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर (आरोग्य केन्द्रों) पर योग प्रशिक्षण की व्यवस्था करके लोगों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए जागरूक करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की शुरूआत स्वच्छता से होती है। इसलिए चिकित्सक होने के कारण विभाग के प्रत्येक स्तर के अधिकारी को लोगों को स्वच्छता की ओर आकृष्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपसी संवाद को बढ़ावा देकर जन विश्वास अर्जित किया जा सकता है। इसलिए डाॅक्टरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ का व्यवहार मरीजों तथा उनके परिजनों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण होना चाहिए। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी निरीक्षण के दौरान अस्पतालों में मरीजों तथा उनके तीमारदारों के साथ संवाद स्थापित कर सेवाओं की स्थिति का सीधा फीडबैक प्राप्त करें। राज्य सरकार के प्रयासों से वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त हुई है। इसके लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 40 वर्षाें से इस चिकित्सा संस्थान में हर वर्ष इंसेफेलाइटिस के 500 से 600 मरीज भर्ती होते थे, जिनमें से 150 से 200 बच्चों की मृत्यु हो जाती थी।
वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से पूर्वांचल में इस रोग को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफलता मिली है। गत वर्ष बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज में इस रोग से पीड़ित 86 बच्चे भर्ती हुए थे और 6 की मृत्यु हुई थी। इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण मात्र एक संस्थान की सफलता नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में अन्तर्विभागीय प्रयासों का यह एक सामूहिक परिणाम था। यह स्थिति सम्पूर्ण गोरखपुर तथा बस्ती मण्डलों में दृष्टिगत हुई, जो पूर्व में इस रोग से सर्वाधिक प्रभावित रहते थे। इस कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने के लिए प्रभावित जनपदों में 'पीकू' को सुदृढ़ किया गया, मेडिकल काॅलेज एवं जिला चिकित्सालयों में वेंटिलेटर युक्त बिस्तरों की संख्या बढ़ायी गयी। चिकित्सकों, आशा कार्यकत्रियों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया। दवाओं एवं उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी।

स्वच्छता अभियान, जागरूकता अभियान, दस्तक अभियान, संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा जे0ई0 टीकाकरण अभियान  ने इस रोग के नियंत्रण में बड़ी भूमिका निभायी। उन्होंने इस प्रकार की उपलब्धियों को मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आपदा अथवा विपत्ति आने पर तैयारी करना होशियारी नहीं है। इसके लिए पहले से सतर्क होकर तैयार रहना आवश्यक होता है। कालाजार, इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाए। समुचित उपचार से लोगों को जीवनदान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि दिव्यांगजन को दिव्यांगता सम्बन्धी प्रमाण-पत्र बनवाने में कोई असुविधा न हो।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपने सम्बोधन में पिछले दो साल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए किये गये प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने चिकित्सकों से अपेक्षा की कि वे सेवाभाव के साथ लोगों की मदद करें और अपने व्यवहार से महसूस कराएं कि वे आमजन के साथ खड़े हैं। धन्यवाद ज्ञापन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह द्वारा किया गया। मातृ एवं शिशु कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को तुलसी का एक पौधा भेंट किया। 
मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय अपने सम्बोधन में कहा कि उनकी 35 वर्ष से अधिक की सेवा में यह प्रथम अवसर है, जब मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को संयुक्त रूप से सम्बोधित किया गया है। यह इंगित करता है कि मुख्यमंत्री जी तथा राज्य सरकार द्वारा हेल्थ सेक्टर को अत्यन्त महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री जी को आश्वस्त किया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनकी परिकल्पना के अनुरूप कार्य किया जाएगा।

बैठक के दौरान गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जनपद में जे0ई0/ए0ई0एस0 को नियंत्रित करने के प्रयासों में मिली सफलता पर आधारित एक प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाराणसी द्वारा आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में, यू0पी0 मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन की परियोजना निदेशक द्वारा दवाओं की आपूर्ति तथा वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय, लखनऊ की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक द्वारा चिकित्सा सेवाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिये गये।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री प्रशांत त्रिवेदी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रदेशवासियों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। उन्होंने बिना भेदभाव गांव-गरीब और समाज के अन्तिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश की 23 करोड़ जनसंख्या को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिए चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को प्रतिबद्ध होकर कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन के आडिटोरियम में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस बैठक में प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं उनसे उच्चस्तर के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार द्वारा की गयी पहल को लागू करने का उत्तरदायित्व चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का है। अच्छा स्वास्थ्य एवं सबके लिए स्वास्थ्य की अवधारणा को साकार करने में विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। एक नई उमंग और नए उत्साह के साथ इस अवधारणा को हम सफलतापूर्वक साकार कर सकें, इस उद्देश्य के साथ आप सभी अधिकारियों को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि इस आयोजन में लिए गए निर्णयों को पूरी निष्ठा के साथ क्रियान्वित करें। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक स्तर के चिकित्सालय में डाॅक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को टीम भावना के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाए। मरीजों के लिए दवाओं की उपलब्धता का भी नियमित तौर पर सत्यापन किया जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उनसे उच्चस्तर के अधिकारियों को चिकित्सालयों व स्वास्थ्य केन्द्रों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिये। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय का राउण्ड लें तथा उपचार की व्यवस्था को परखें। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रत्येक दिन अपने जनपद के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की रैण्डम चेकिंग करें और इनकी स्थिति को मौके पर परखते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। '108' एवं '102' एम्बुलेंस सेवा की नियमित माॅनीटरिंग की जाए तथा इनके रूट चार्ट एवं अन्य कार्याें की समीक्षा की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दो वर्षाें में प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों के फलस्वरूप चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव आया है। समस्त जनपदों को 250 एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस उपलब्ध करायी गयी है। इनसे बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाने में सफलता प्राप्त हुई है। 'नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट सेवा' के माध्यम से ग्रामीण इलाकों की जनता को उनके निवास स्थान पर ही इलाज की निःशुल्क सुविधा मिल रही है। टेलीमेडिसिन के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्र के लोगों को उच्चस्तरीय चिकित्सा परामर्श उपलब्ध हो रहा है। '108' एम्बुलेंस सेवा की संख्या में वृद्धि कर इसके रिस्पाॅन्स टाइम को कम किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा आयुष्मान भारत योजना प्रारम्भ की गयी है। इस योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के माध्यम से प्रदेश के 6.5 करोड़ गरीब लोगों को 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा देने की व्यवस्था है। इन्हें मिशन मोड पर संचालित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के लाभार्थियों के कार्ड वितरण का कार्य अभियान चलाकर पूरा किया जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस कार्य को रुचि लेकर सम्पादित करते हुए कार्ड वितरण कार्यक्रमों में सांसद एवं विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करें। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से आच्छादित सभी चिकित्सालयों में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए एक अलग काउण्टर स्थापित किया जाए। इस योजना के तहत अस्पताल आने वाले मरीजों की सहायता के लिए कार्यरत आयुष्मान मित्रों के कार्य की नियमित समीक्षा की जाए। उन्होंने ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त हुई है। इसके लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 40 वर्षाें से इस चिकित्सा संस्थान में हर वर्ष इंसेफेलाइटिस के 500 से 600 मरीज भर्ती होते थे, जिनमें से 150 से 200 बच्चों की मृत्यु हो जाती थी। वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से पूर्वांचल में इस रोग को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफलता मिली है। गत वर्ष बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज में इस रोग से पीड़ित 86 बच्चे भर्ती हुए थे और 6 की मृत्यु हुई थी। इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण मात्र एक संस्थान की सफलता नहीं, बल्कि स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में अन्तर्विभागीय प्रयासों का यह एक सामूहिक परिणाम था। यह स्थिति सम्पूर्ण गोरखपुर तथा बस्ती मण्डलों में दृष्टिगत हुई, जो पूर्व में इस रोग से सर्वाधिक प्रभावित रहते थे। इस कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने के लिए प्रभावित जनपदों में 'पीकू' को सुदृढ़ किया गया, मेडिकल काॅलेज एवं जिला चिकित्सालयों में वेंटिलेटर युक्त बिस्तरों की संख्या बढ़ायी गयी। चिकित्सकों, आशा कार्यकत्रियों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षित किया गया। दवाओं एवं उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी। स्वच्छता अभियान, जागरूकता अभियान, दस्तक अभियान, संचारी रोग नियंत्रण अभियान तथा जे0ई0 टीकाकरण अभियान  ने इस रोग के नियंत्रण में बड़ी भूमिका निभायी। उन्होंने इस प्रकार की उपलब्धियों को मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आपदा अथवा विपत्ति आने पर तैयारी करना होशियारी नहीं है। इसके लिए पहले से सतर्क होकर तैयार रहना आवश्यक होता है। कालाजार, इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाए। समुचित उपचार से लोगों को जीवनदान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि दिव्यांगजन को दिव्यांगता सम्बन्धी प्रमाण-पत्र बनवाने में कोई असुविधा न हो।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपने सम्बोधन में पिछले दो साल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए किये गये प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने चिकित्सकों से अपेक्षा की कि वे सेवाभाव के साथ लोगों की मदद करें और अपने व्यवहार से महसूस कराएं कि वे आमजन के साथ खड़े हैं। धन्यवाद ज्ञापन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह द्वारा किया गया। मातृ एवं शिशु कल्याण राज्य मंत्री श्रीमती स्वाती सिंह ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को तुलसी का एक पौधा भेंट किया। 
मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय अपने सम्बोधन में कहा कि उनकी 35 वर्ष से अधिक की सेवा में यह प्रथम अवसर है, जब मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को संयुक्त रूप से सम्बोधित किया गया है। यह इंगित करता है कि मुख्यमंत्री जी तथा राज्य सरकार द्वारा हेल्थ सेक्टर को अत्यन्त महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री जी को आश्वस्त किया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनकी परिकल्पना के अनुरूप कार्य किया जाएगा। बैठक के दौरान गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जनपद में जे0ई0/ए0ई0एस0 को नियंत्रित करने के प्रयासों में मिली सफलता पर आधारित एक प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाराणसी द्वारा आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में, यू0पी0 मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन की परियोजना निदेशक द्वारा दवाओं की आपूर्ति तथा वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय, लखनऊ की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक द्वारा चिकित्सा सेवाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिये गये।
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